ब्रजभाषा में ग्वाल के छन्द भाग - 2
प्रस्तुति नवीन चतुर्वेदी
'ग्वाल' कवि का ही एक और छंद:-
गोकुल की खोर साँकरी में आज मेरी बीर,
बानक बनायो बिधि, ताहि कौन बरनें|
कोटिन उपायन ते राधिका मिली ही धाय,... और देखें
आज मनमोहनें, निसंक अंक भरनें|
'ग्वाल' कबि एते में, जसुधा पुकारी - लाल,
बाल परी पीरी, दगा दीनी अवसर नें|
मानौ कंज-केसर के हौज बीच, बोरा बोर -
कर कें निकारी कामदेव कारीगर नें||
भारत भूमि की माटी से उपजे देशी समाचार साहित्य, काव्य और संस्कृति का संकलन । नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' - प्रधान सम्पादक , ग्वालियर टाइम्स समूह , प्रधान कार्यालय - 42 गांधी कालोनी , मुरैैना म. प्र. व्हाटस एप्प नंबर 7000998037 एवं ई मेल पता : gwaliortimes@hotmail.com
Gwalior Times Live Gwalior ग्वालियर टाइम्स लाइव
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें