खेतों में नरवाई नहीं जलायें
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भोपाल | 16-फरवरी-2017 |
नरवाई जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है साथ ही जन धन को नुकसान होने
की संभावना बनी रहती है, पशुओं को प्राप्त होने वाला भूसा भी नष्ट हो जाता
है कृषकों को कम्पोस्ट भी प्राप्त नहीं हो पाता है। नरवाई जलाने से मिट्टी
में उत्पन्न होने वाले कार्वनिक पदार्थ में भी कमी आती है। ऐसी स्थिति में
यह आवश्यक हो गया है फसल कटाई उपरांत खेत में जो फसल अवशेष रह जाते हैं
उनका प्रबंधन उनके तरीके से किया जाये।
उप संचालक कृषि भोपाल ने किसानों से अपील की है कि जिन क्षेत्रों में हार्वेस्टर से कटाई की जाती है वहां स्ट्रा रीपर से भूसा बनाया जाये। कटाई हेतु रीपर कम बाइंडर का उपयोग किया जाये, जिससे फसल को काफी नीचे से काटा जा सकता है एवं नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं होती है। खेतों में गहरी जुताई, रोटावेटर, हेप्पीसीडर तथा जीरो टिलेज सीडड्रिल से बुआई करना चाहिए जिससे फसल अवशेष मिट्टी में मिलकर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी। |
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